पहली मुलाकात
पहली मुलाकात
वह पहली मुलाकात कैसे भुला दूं,
गलती से मेरा फोन का लगना।
और बातें तुझसे क्षणिक करना,
आवाज तेरी का जादू था भाया।
चुपके से तू मेरे दिल में आया,
भूली नहीं वह हसीन मुलाकात।
शब्दों में तेरे थी प्यार की खनखनाहट,
तेरा नाम लिख कर मिटाया कई बार।
वह पहली मुलाकात कैसे भुला दूं आज।
जज्बात अपने में सारे दबा दूं,
कहीं ना कहीं दस्तक देती है हर बात।
कभी हंसाती कभी रुलाती है यादें,
खामोशी सी रहती हरदम खोई हुई।
ख्यालों में कभी गुनगुनाती कभी बातें हूं करती।
कभी इज़हार करूं अपनी मोहब्बत,
इनकार करूं मैं तुझसे हरदम
मैं पहली मुलाकात कैसे भुला दूं
अपने जज्बात सारे कैसे दबा दूं।
पहली मुलाकात कैसे भुला दूं।
रचनाकार ✍️
मधु अरोरा
Abhinav ji
26-Apr-2023 09:03 AM
Very nice 👍
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Gunjan Kamal
26-Apr-2023 08:50 AM
👏👌
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Shashank मणि Yadava 'सनम'
26-Apr-2023 07:06 AM
बहुत ही खूबसूरत भाव
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